कांग्रेस यूपी में आरक्षण के मुद्दे को उठाकर दलितों के दिल में जगह बनाने कोशिश
मेरठ। उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 की तैयारी में जुटी कांग्रेस अपने दलित अजेंडे को धार देने में जुट गई है। इसके लिए प्रदेश में आरक्षण बचाओ अभियान मंगलवार 25 फरवरी से वेस्ट यूपी से शुरू किया जाएगा। मेरठ से इसका आगाज होगा।दस दिन चलने वाले इस अभियान में जगह-जगह पैदल मार्च और रैली निकालकर ‘दलित साधो-बीजेपी घेरो’ का प्लान है।
दरअसल, रविवार को आरक्षण बचाने के मुद्दे पर भीम आर्मी की तरफ से भारत बंद रखा गया था। कांग्रेस ने भी बिहार में बंद को समर्थन दिया था। कांग्रेस यूपी में आरक्षण के मुद्दे को उठाकर दलितों के दिल में जगह बनाने और बीजेपी को घेरने की रणनीति पर चल रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरएसएस और भाजपा आरक्षण को खत्म करनाचाहते हैं। मोदी सरकार संविधान के खिलाफ फैसले ले रही है। प्रमोशन में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं मानने के सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस को मान्य नहीं है।
कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के उत्तर प्रदेश के चेयरमैन आलोक प्रसाद पासी का कहना है कि आरक्षण बचाने के लिए पूरे प्रदेश के हर जिले में आरक्षण बचाओ मार्च और रैली निकाली जाएगी। यह आंदोलन अलग-अलग चरणों में होगा। पहला चरण मंगलवार से वेस्ट यूपी के ऐतिहासिक शहर मेरठ से शुरू होगा। आलोक प्रसाद के मुताबिक लगातार दस दिन चलने वाले पहले चरण में संभल, आगरा होते हुए गोरखपुर में इसका समापन होगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मेरठ में मौजूद रहेंगे। पांच दिन दिन बाद आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में दलित वोटों का रुझान कांग्रेस की ओर दिखाई देने से पार्टी उत्साहित है। कांग्रेसियों का मानना है कि आजादी के बाद दलितों की पहली पसंद कांग्रेस रही, लेकिन क्षेत्रीय दलों की ताकत बढ़ने के बाद वोटों का समीकरण गड़बड़ा गया था। दलितों और अल्पसंख्यकों के हटने से कांग्रेस यूपी में बेहद कमजोर हो गई। बीएसपी को लेकर युवा दलितों का नजरिया बदलने लगा है। ऐसे में कांग्रेस के पास दलितों के साथ जुड़ने का बेहतरीन मौका है। उनकी हमदर्दी हासिल करने के लिए दलितों के दुख-दर्द में शिरकत करनी होगी।