दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार दोपहर को एक बार फिर मौसन ने करवट बदली है। राजधानी दिल्ली के आसमान में जहां बादल छाए हुए हैं और हवाएं चल रही हैं। वहीं फरीदाबाद और गुरुग्राम में हो रही बारिश ने मौसम खुशनुमा बना दिया है। तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश के कारण तापमान में भी गिरावट आई है। हालांकि कुछ जगहों पर बारिश ने समस्या भी पैदा कर दी हैं। आज हुई इस बेमौसम बारिश के कारण बल्लभगढ़ अनाज मंडी में खुले में रखा हजारों बोरी गेहूं भी भीग गया।
गुरुवार दोपहर से ही कई इलाकों में धूप धुंधली होने के साथ ही बादल छाने लगे थे। इस बीच गुरुग्राम और फरीदाबाद में जहां बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई है। वहीं दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा में तेज हवाएं चल रही हैं और बादल छाए हुए हैं।
हालांकि, कुछ जगहों पर हल्की बारिश के बाद मौसम फिर से साफ हो गया। अभी भी दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में बादल छाए हुए और बारिश हो रही है।
मौसम विभाग ने आज सुबह ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिनभर बादल छाए रहने और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई थी। दोपहर होते-होते मौसम विभाग का यह अनुमान सच साबित हो गया।
बता दें कि कुछ दिन पहले भी दिल्ली-एनसीआर में कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई थी, जिसके चलते मौसम में गिरावट आने के साथ ही ठंडक बढ़ गई थी।
मौसम विभाग ने मानसून के आगमन और छंटने की तिथियों में बदलाव किया है। केरल में हालांकि मानसून के आने की तिथि पूर्व की भांति एक जून ही रहेगी, लेकिन यूपी, बिहार, झारखंड समेत देश के दस राज्यों में मानसून के आने की तिथियां तीन से दस दिन तक पीछे खिसकाई गई हैं। दिल्ली में मानसून पहुंचने की तिथि आगे हुई है। यहां 29 जून की बजाय अब 27 जून को मानसून पहुंचने की तिथि तय की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून के आगमन एवं छंटने की मौजूदा तिथियां 1901-1940 के बारिश के आंकड़ों के आधार पर थीं, लेकिन अब आगमन की तिथि
1961-2019 तथा छंटने की तारीखें 1971-2019 के बारिश के आंकड़ों पर पुनर्निधारित की गई हैं। इन तिथियों के उत्तर पश्चिम भारत से मानसून के छंटने की तिथियों में 7-16 दिनों तक पीछे किया गया है, लेकिन दक्षिण भारत से मानसून के छंटने की तिथि पूर्व की भांति 15 अक्टूबर ही रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार इन बदलावों का सर्वाधिक असर उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्व हिस्से पर पड़ेगा।
बता दें कि उत्तर पश्चिम भारत से मानसून जुलाई के पहले सप्ताह में छंटना शुरू होता है, लेकिन काफी साल से देखा गया है कि यह दूसरे या तीसरे सप्ताह में छंटता है। इसलिए इसी हिसाब से तारीखों को पीछे किया गया है। राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों से यह एक सितंबर के आसपास छंटना शुरू होता था, लेकिन अब नई तारीख 17 सितंबर की तय की गई है। नई तिथियों से साफ है कि उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून का आगमन करीब एक सप्ताह की देरी से होगा, लेकिन सितंबर में वह दो सप्ताह देर तक सक्रिय भी रहेगा।
यूं बदली मानसून के आगमन की तिथियां
शहर | मौजूदा तिथि | नई तिथि |
केरल | 1 जून | 1 जून |
चेन्नई | 1 जून | 4 जून |
मुंबई | 10 जून | 11 जून |
रायपुर | 13 जून | 16 जून |
जमशेदपुर | 12 जून | 14 जून |
आईजोल | 01 जून | 05 जून |
वाराणसी | 15 जून | 20 जून |
गया | 12 जून | 16 जून |
अजमेर | 23 जून | 01 जुलाई |
लखनऊ | 20 जून | 23 जून |
आजमगढ़ | 17 जून | 20 जून |
छपरा | 13 जून | 18 जून |
आगरा | 23 जून | 30 जून |
दिल्ली | 29 जून | 27 जून |
भिवानी | 06 जुलाई | 03 जुलाई |
पिथौरागढ़ | 21 जून | 20 जून |
चंडीगढ़ | 01 जुलाई | 26 जून |
लद्दाख | 26 जून | 23 जून |