लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है। संघ पदाधिकारी और कार्यकर्ता जरूरतमंदों की सहायता करने के साथ ही युवाओं में राष्ट्रवादी व्यक्तित्व का निर्माण करने में लगे हैं। इसके लिए युवाओं से दूरभाष पर आए दिन संवाद और घर पर ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शाखाएं लग रही हैं। प्रशासन से समन्वय कर निर्बल वर्ग की मदद की जा रही है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लोगों की दिनचर्या बदल गई है। लोग घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं। कठिन घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए जरूरतमंदों के साथ खड़ा है। नैतिक मूल्यों का पालन करने हुए संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कार्य करने का तरीका जरूर बदला है। भारत की खुशहाली, समृद्धि और सनातनी संस्कृति की जीवंत करते हुए घर में ही शाखाएं चल रही हैं। शाखाओं में शारीरिक दूरी का पालन भी किया जा रहा है। सुबह घर की छत और आंगन में कार्यकर्ता शाखाएं चला रहे हैं। सेवा कार्यो को विस्तार देते हुए प्रशासन के साथ मिलकर जरूरतमंदों की सेवा और सहयोग किया जा रहा है। जनपद में 153 स्थानों पर सहायता केंद्र संचालित हैं। यहां से 478 स्वयंसेवक प्रशासन से समन्वय बनाए हुए हैं। इसके साथ ही जिले में 103 स्थानों पर खाद्य सामग्री एकत्रित की जा रही है। जिला संघ इकाई की ओर से प्रतिदिन 1241 लोगों को खाने के पैकेट समेत विभिन्न प्रकार की सहायता दी जा रही है। 791 कार्यकर्ता इस कार्य में योगदान दे रहे हैं। वहीं 900 कार्यकर्ता खाद्य सामग्री समेत आर्थिक मदद को आगे आए हैं। इसी क्रम में जनपद में 22 स्थानों पर संघ की ओर से भोजन के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं, जो प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं। संघ के जिला कार्यवाह ब्रिजेश, नगर संघ चालक अनिल धमीजा ने बताया कि संघ देश में आने वाली सभी आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार रहता है। संकट के इस दौर में सेवा और समर्पण का भाव जरूरी है। प्रतिदिन प्रशासन को राहत सामग्री दी जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।