कहीं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं दिल्ली तब्लीगी सम्मेलन

रोक के बाद भी दिल्ली निजामुद्दीन मे तबलिगी जमात का सम्मेलन होना और फिर यहाँ से जमातों का देश के दुसरे भागों मे जाना कही किसी देश विरोधी साजिश का तो हिस्सा नही है। यह प्रश्न बुद्धिजीवी वर्ग के दिमाग मे बार बार कोधरहा है। आजादी के बाद से पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ साजिशे रचता रहा है। वर्तमान मे भी वह अपनी साजिशों से बाज नही आरहा है। कश्मीर मे आतंकवाद तथा अलगाववाद की वर्षों से रची गई साजिशों के विफल होने के बाद भारत विरोधी उन शक्तियों, जिनमे भारत मे मौजूद कुछ राष्ट्रविरोधी ताकते भी शामिल है। ऐसी ही ताकतों के द्वारा भारत मे कोरोना बम का विस्फोट करके सरकार को अस्थिर करने का शायद षड्यंत्र रचा गया है । यह सन्देह सच भी ऐसे लग रहा है, कि जब देश मे भीड एकत्र न करने की अपील सरकार मार्च के दूसरे सप्ताह से लगातार कर रही है तथा देश मे दफा 144 भी लगी थी फिर भी निजामुद्दीन के जिम्मेदार लोगों ने जमात का जल्सा स्थगित क्यो नही किया? देश मे लॉक डाउन घोषित होने के बाद भी हजारों तबलिगी जमात के लोगों की जानकारी को सरकार से छिपा कर रखा ।इतना ही नही जब तक सरकारी अमले की नीन्द टूटी , तब तक एक सोची समझी साजिश के चलते जमाते देश के विभिन्न इलाकों मे भेज दी गई। जब तक शासन प्रशासन हर्कत मे आया देर हो चुकी थी। इस्लामिक शिक्षा का केन्द्र देवबंद भी इसी जलसे आये लोग घूमने तथा जमात के रूप आये, मगर यहा के जिम्मेदार मुस्लिमों तथा अन्यों ने भी कोरोना को लेकर लगातार प्रकट की जा रही चिन्ता तथा प्रचार की परवाह नही की और छिपा कर रखा । जब यहां कश्मीर पहुंचा एक व्यक्ति कोरोना का शिकार बना तथा मीडियाँ मे खबर आई तो स्थानीय पुलिस प्रशासन की नींद खुली ।इस घटना के बाद तो जैसे तूफान आगया । जिला प्रशासन नही प्रदेश शासन भी इस जानकारी बाद दहल गया तथा सम्बंधित मस्जिद जहां कश्मीरी ठहरा था उसकी साफ सफाई कराने के साथ उसको सनैट्राइज किया गया । इस के बाद प्रशासन बाकी उन लोगों की तलाश युद्धस्तर पर कर रही है, जिनसे कश्मीरी मिला था। यहां भी जानकारी प्रशासन सेक्यू छिपाई गई, यहा चिन्ता का विषय है । पुलिस प्रशासन बडी मुस्तैदी से अभी भी बाकि लोगों की खोज मे लगा है । ताजा रिपोर्ट मिली , कि 10 दिल्ली से आये जमाती बडगांव थाने के अन्तर्गत आने वाले गांव नूनाबडी की मस्जिद से मिले हैआखिर क्या माजरा है, जो देश की सरकार और जनता के कडे प्रयासों सफल लॉक डाउन मे कोरोना को भगाने की लडाई को यह लोग असफल बनाना चाहते है? पिछले समय सीएए व एनआरसी को लेकर भी इन्ही लोगों के द्वारा देश मे विरोध प्रदर्शन व धरने दिये गये थे। ऐसा प्रतीत होता है, कि जो लोग धरने की मुहीम मे थे वही दिल्ली दंगों और अब तबलिगी जमात की आड मे कोरोना बम विस्फोट करने मे लगे है निजामुद्दीन प्रशासन अब भी अपनी गलती मानने के लिए तैयार नही हैवह अब भी सरकार के सर ठीकरा फोड रहा है । उसका कहना है, कि हजारों लोग लॉग डाउन के कारण फंसे । जब पत्रकारों ने उनसे पूछा आपने बिना स्वीकृति के कैसे हजारों लोगों को बुलाया, बुलाया तो उन लोगों को देश दूसरे भागों मे कैसे जाने दिया गया